सोमवार, 26 अक्तूबर 2015

तीन कविताएं-आशा पाण्डे ओझा


चित्र गूगल सर्च इंजन से साभार


जानते हो ना तुम


जानते हो ना तुम
करने को बेबस का भला
काटा जाता है बेबस का ही गला
भूले से जब कभी जीत जाता है
जो कोई बेबस
तो समझो दूसरी ओर
कोई बेबस ही हार कर
सिसक रहा होगा
पूंजीवादी चकाचौंध से नहीं आती
किरण भर भी रोशनी
कभी झुग्गियों के लिए
टिमटिमाते दीयों से ही ली जाती रही है
रौशनी सदैव अंधेरों के लिए
सूरज जब भी निकला
शफ़क़ के लिए निकला
कब किया उसने अंधेरों का भला


राजनीति


जिस देश की राजनीति
जनता की सिसकियों की थाप
अनसुनी कर
भोग-विलास संग
नाजायज सबंध बना
रंगरेलियाँ मना रही हो,
जिस देश की राजनीति
उस सत्ता की कोख से
नाजायज अंधेरों का जन्मना
कैसे रोक सकता है भला कोई
विधवा के जीवन सा ठहर जाता है
उस देश का विकास
सम्पूर्ण पोषण के अभाव में
विकृत अपाहिज हो जाते हैं संस्कार
आंतक की औलाद
घूमने लगती है गली-गली
आवारा सांड सी बेलगाम
बीमार रहने लगता है अर्थशास्त्र
साहित्य का दम घुटने लगता है
चहुँ ओर काला धूंआं छोड़ती उस सदी में
तिल-तिल मरता है स्वर्णिम इतिहास
हत्या हो जाती है इंसानियत की
और बेवा सराफतें कर लेती हैं आत्महत्या
इस तरह क्षण-क्षण खंड-खंड
टूटता बिखरता समाप्त हो जाता है
वो देश।


पुरुष गिद्द दृष्टि


ज़िन्दगी जीने की चाह
कुछ पाने की ख्वाहिश
आँखों के सुनहले सपने
इक नाम मुकाम की ज़िद्द
अटूट आत्मविश्वास

यही कुछ तो लेकर निकली थी
वो ख्वाहिशों के झोले में
किसी ने नहीं देखी
उसके सपने भरे आँखों की चमक
किसी को नज़र नहीं आया
उसका अटूट आत्मविश्वास
किसी ने नहीं नापी
उसकी लगन की अथाह गहराई
माने  भी नहीं किसी के लिए
उसकी भरसक मेहनत के
उसके चारों ओर फ़ैली हुई है
एक पुरुष गिद्द दृष्टि
जो मुक्त नहीं हो पा रही
आज भी उसकी देह के आकर्षण से
वो लड़ रही है लड़ाई
देह से मुक्त होने को


आशा पाण्डे ओझा



  • जन्म स्थान ओसियां (जोधपुर)।
  • पिता : श्री शिवचंद ओझा
  • माता :श्रीमति राम प्यारी ओझा
  • शिक्षा :एम .ए (हिंदी साहित्य) एल एल.बी।
  • जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय,जोधपुर (राज.)।
  • 'हिंदी कथा आलोचना में नवल किशोरे का योगदान में शोधरत।
  • प्रकाशित कृतियां-दो बूंद समुद्र के नाम, एक कोशिश रोशनी की ओर (काव्य), त्रिसुगंधि (सम्पादन) "ज़र्रे-ज़र्रे में वो है" कविता संग्रह।
  • शीघ्र प्रकाश्य-वजूद की तलाश (संपादन), वक्त की शाख से (काव्य), पांखी (हाइकु संग्रह)।
  • देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं व इ-पत्रिकाओं में कविताएं,मुक्तक ,ग़ज़ल ,क़तआत ,दोहा,हाइकु,कहानी,व्यंग समीक्षा,आलेख ,निंबंध ,शोधपत्र निरंतर प्रकाशित।
  • सम्मान -पुरस्कार-कवि  तेज पुरस्कार जैसलमेर ,राजकुमारी रत्नावती पुरस्कार जैसलमेर ,महाराजा कृष्णचन्द्र जैन स्मृति सम्मान एवं पुरस्कार पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी शिलांग (मेघालय ) साहित्य साधना समिति पाली एवं  राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर द्वारा अभिनंदन ,वीर दुर्गादास राठौड़ साहित्य सम्मान जोधपुर ,पांचवे अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मलेन ताशकंद में सहभागिता एवं सृजन श्री सम्मान ,प्रेस मित्र क्लब बीकानेर राजस्थान द्वारा अभिनंदन ,मारवाड़ी युवा मंच श्रीगंगानगर राजस्थान द्वारा अभिनंदन ,साहित्य श्री सम्मान संत कवि सुंदरदास राष्ट्रीय सम्मान समारोह समिति भीलवाड़ा-राजस्थान ,सरस्वती सिंह स्मृति सम्मान पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी शिलांग मेघालय ,अंतराष्ट्रीय साहित्यकला मंच मुरादाबाद के सत्ताईसवें अंतराष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मलेन काठमांडू नेपाल में सहभागिता एवं हरिशंकर पाण्डेय साहित्य भूषण सम्मान ,राजस्थान साहित्यकार परिषद कांकरोली राजस्थान  द्वारा अभिनंदन ,श्री नर्मदेश्वर सन्यास आश्रम  परमार्थ ट्रस्ट एवं सर्व धर्म मैत्री संघ अजमेर राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में अभी अभिनंदन ,राष्ट्रीय साहित्य कला एवं संस्कृति परिषद् हल्दीघाटी द्वारा काव्य शिरोमणि सम्मान ,राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर एवं साहित्य साधना समिति पाली राजस्थान द्वारा पुन: सितम्बर २०१३ में अभिनंदन।
  • रूचि :लेखन,पठन,फोटोग्राफी,पेंटिंग,प्राकृतिक सौन्दर्य को निहारते हुवे घूमना-फिरना।
  • संपर्क : 09772288424/07597199995/09414495867
  • ईमेल-asha09.pandey@gmail.com
  • ब्लॉग-ashapandeyojha.blogspot.com
  • पृष्ठ-आशा का आंगन एवं Asha pandey ojha _ sahityakar

2 टिप्‍पणियां:

  1. तीन कवितायें तीन संदर्भ
    वर्तमान समय की बिडंबनाओं को उजागर करती प्रभावी कवितायें
    बहुत खूब

    आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
    सादर

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  2. बहुत सुंदर सामयिक अभिव्यक्ति ।भीतर की गहराई उकेलती शब्दों का उचित तारतम्य ।बधाई ।

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