सोमवार, 23 नवंबर 2015

अशोक अंजुम की ग़ज़लें


चित्र गूगल सर्च इंजन से साभार


(एक)


खाना- पीना, हंसी-ठिठोली , सारा कारोबार अलग !
जाने क्या-क्या कर देती है आँगन की दीवार  अलग !

पहले इक छत के ही नीचे  कितने उत्सव होते थे,

सारी खुशियाँ पता न था यूँ कर देगा बाज़ार  अलग !

पत्नी, बहन, भाभियाँ, ताई, चाची, बुआ, मौसीजी

सारे रिश्ते एक तरफ हैं लेकिन माँ का प्यार  अलग !

कैसे तेरे - मेरे रिश्ते को मंजिल मिल सकती थी

कुछ तेरी रफ़्तार अलग थी, कुछ मेरी रफ़्तार अलग !

जाने कितनी देर तलक दिल बदहवास-सा रहता है

तेरे सब इकरार अलग हैं, लेकिन इक इनकार  अलग !

अब पलटेंगे,  अब पलटेंगे, जब-जब ऐसा सोचा है

'अंजुम जी' अपना अन्दाज़ा हो जाता हर बार  अलग !


(दो) 


झिलमिल-झिलमिल जादू-टोना पारा-पारा आँख में है
बाहर कैसे धूप खिलेगी जो अँधियारा आँख में है

यहाँ-वहाँ हर ओर जहाँ में दिलकश खूब नज़ारे हैं

कहाँ जगह है किसी और को कोई प्यारा आँख में है

एक समन्दर मन के अन्दर उनके भी और मेरे भी

मंज़िल नहीं असंभव यारो अगर किनारा आँख में है

परवत-परवत, नदिया-नदिया, उड़ते पंछी, खिलते फूल

बाहर कहाँ ढूँढते हो तुम हर इक नज़ारा आँख में है

चैन कहाँ है, भटक रहे हैं कभी इधर तो कभी उधर

पाँव नहीं थमते हैं ‘अंजुम’ इक बंजारा आँख में है


(तीन)


बड़ी मासूमियत से सादगी से बात करता है
मेरा किरदार जब भी ज़िंदगी से बात करता है

बताया है किसी ने जल्द ही ये सूख जाएगी

तभी से मन मेरा घण्टों नदी से बात करता है

कभी जो तीरगी मन को हमारे घेर लेती है

तो उठ के हौसला तब रौशनी से बात करता है

नसीहत देर तक देती है माँ उसको ज़माने की

कोई बच्चा कभी जो अजनबी से बात करता है

मैं कोशिश तो बहुत करता हूँ उसको जान लूँ लेकिन

वो मिलने पर बड़ी कारीगरी से बात करता है

शरारत देखती है शक्ल बचपन की उदासी से

ये बचपन जब कभी संजीदगी से बात करता है


(चार)


सबको चुभती रही मेरी आवारगी
मुझमें सबसे भली मेरी आवारगी

रंग सारे सजाकर विधाता ने तब

रफ़्ता-रफ़्ता रची मेरी आवारगी

वक़्त ने यूँ तो मुझसे बहुत कुछ लिया

जाने क्यों छोड़ दी मेरी आवारगी

ज़ुल्मतें-जु़ल्मतं हर तरफ ज़ुल्मतें

चाँदनी-चाँदनी मेरी आवारगी

ज़िन्दगी की डगर में जो काँटे चुभे

बन गई मखमली मेरी आवारगी

हादसों ने कसर कोई छोड़ी नहीं

मेरी रहबर बनी मेरी आवारगी

धूप में, धुन्ध में, तेज बरसात में

कब थमी, कब रुकी मेरी आवारगी


(पांच) 


कोई राजा नहीं, कोई रानी नहीं
ये कहानी भी कोई कहानी नहीं

आम जनता के सपनों का मक़तल है ये

दोस्तो ये कोई राजधानी नहीं

ये जो ख़ैरात है इसको रह ने ही दो

हमको हक़ चाहिए मेहरबानी नहीं

अश्क हों आह हों जिसमें मज़लूम की

ऐसी दौलत हमें तो कमानी नहीं

कंकरीटों की फसलें उगीं चारसू

रंग धरती का पहले सा धानी नहीं

जिनमें हो न ज़रा भी जिगर का लहू

ऐसे  शेरों के कोई भी मानी नहीं

एक बेदम नदी पूछती है मुझे

तेरी आँखों में क्यूँ आज पानी नहीं

डूबना लाज़मी था तेरी नाव का

बात पतवार की तूने मानी नहीं


(छह) 


ये सारा आलम महक रहा है, चला ये किसके हुनर का जादू
कि रफ़्ता-रफ़्ता शबाब पर है, किसी की खिलती उमर का जादू

मैं कौन हूँ, कुछ पता नहीं है, कि होश  मेरे उड़े हुए हैं

चलाया किसने ये मुस्कुराकर यूँ अपनी तिरछी नज़र का जादू

धरा जले है, गगन जले है, सुलग रहा है समूचा आलम

कि ऐसे में भी बिखर रहा है ये खूब इक गुलमुहर का जादू

ये मन में हलचल-सी हो रही है, खनक रहे हैं किसी के कंगन

नशे में मुझको डुबोता जाये वो कँपकँपाते अधर का जादू


अशोक अंजुम 


संपादक : अभिनव प्रयास ( त्रेमासिक )
स्ट्रीट २, चन्द्र विहार कॉलोनी (नगला डालचंद),
क्वार्सी बाई पास,अलीगढ 202001 (उ -प्र.)
मो. ०९२५८७७९७४४,०९३५८२१८९०७




अशोक ‘अंजुम’

(अशोक कुमार शर्मा)


  • जन्मदिन- 15 दिसम्बर 1966 (माँ ने बताया), 
  • 25 सितम्बर 1966 (काग़ज़ों पर)
  • काग़ज़ी शिक्षा - बी.एससी.,एम.ए.(अर्थशास्त्र, हिन्दी),बी.एड.
  • लेखन-विधाएँ - मुख्यतया गज़ल, दोहा, गीत, हास्य-व्यंग्य,साथ ही लघुकथा, कहानी, व्यंग्य, लेख, समीक्षा, भूमिका, साक्षात्कार, नाटक आदि
  • प्रकाशित पुस्तके-
  • 1. भानुमति का पिटारा (हास्य-व्यंग्य कविताएँ) / 2.खुल्लम खुल्ला (हास्य-व्यंग्य कविताएँ) / 3.मेरी प्रिय ग़ज़लें (ग़ज़ल संग्रह) पुरस्कृत /4.मुस्कानें हैं ऊपर-ऊपर (ग़ज़ल संग्रह) पुरस्कृत / 5.दुग्गी, चैके, छक्के (हास्य-व्यंग्य कविताएँ) / 6.अशोक अंजुम की प्रतिनिधि ग़ज़लें /7.तुम्हारे लिए ग़ज़ल (ग़ज़ल संग्रह) / 8.एक नदी प्यासी (गीत संग्रह) पुरस्कृत/ 9. जाल के अन्दर जाल मियाँ (व्यंग्य ग़ज़लें) पुरस्कृत/10. क्या करें कन्ट्रोल नहीं होता (हास्य-व्यंग्य कविताएँ) /11 . प्रिया तुम्हारा गाँव (दोहा-संग्रह) पुरस्कृत/ 12. यमराज आॅन अर्थ (नाटक संग्रह)/13. पढ़ना है (नाटक )/14. चम्बल में सत्संग(दोहा-संग्रह)/ 15.यूँ ही...(ग़ज़ल संग्रह) 
  • सम्पादित पुस्तकें:-
  • 1.श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य कविताएँ (हास्य-व्यंग्य कविताएँ) /2.अंजुरी भर ग़ज़लें (ग़ज़ल संकलन)/3.हास्य-व्यंग्य में डूबे, 136 अजूबे (हास्य-व्यंग्य कविताएँ)/4. हास्य भी, व्यंग्य भी (हास्य-व्यंग्य कविताएँ) /5. ग़ज़ल से ग़ज़ल तक (ग़ज़ल संग्रह) /6. रंगारंग हास्य कवि सम्मेलन (हास्य-व्यंग्य)/7. आह भी वाह भी (हास्य-व्यंग्य कविताएँ) /8. लोकप्रिय हास्य-व्यंग्य कविताएँ (हास्य-व्यंग्य कविता संक.) /9. लोकप्रिय हिन्दी ग़ज़लें (ग़ज़ल संकलन)/10. दोहे समकालीन (दोहा संकलन) /11. रंगारंग दोहे (दोहा संकलन) /12. दोहा दशक (दोहा संकलन) /13. दोहा दशक-2(दोहा संकलन) /14. दोहा दशक-3 (दोहा संकलन)/15. हँसता खिलखिलाता हास्य कवि सम्मेलन (हास्य-व्यंग्य कविताएँ) /16. व्यंग्य भरे कटाक्ष (व्यंग्य लघुकथाएँ) /17. हँसो बत्तीसी फाड़ के (हास्य-व्यंग्य कविताएँ) /18. नई सदी के प्रतिनिधि ग़ज़लकार (ग़ज़ल संकलन) /19. हँसी के रंग कवियों के संग (हास्य-व्यंग्य कविताएँ) /20.ग़ज़लें रंगबिरंगी (हास्य-व्यंग्य ग़ज़ल संग्रह) /21. व्यंग्य कथाओं का संसार (व्यंग्य लघुकथाएँ) /22. नीरज के प्रेम गीत (गीत संग्रह) /23. नई सदी के प्रतिनिधि दोहाकार (दोहा संकलन) /24.श्रेष्ठ हास्य-व्यंग्य गीत (गीत संकलन) /25. हास्य एवं व्यंग्य ग़ज़लें (हास्य व्यंग्य ग़ज़ल संकलन)/26.नए युग के बीरबल (व्यंग्य लघुकथाएँ)/27. हास्य कवि दंगल (हास्य व्यंग्य कविताएँ)/28. हिंदी के लोकप्रिय ग़ज़लकार (पद्मभूषण नीरज के साथ संपादित)/ 29.नए दौर की ग़ज़लें (ग़ज़ल संग्रह)/30.आनन्द आ गया (आनन्द गौतम की व्यंग्य कविताओं का संपादन)/31.आधुनिक कवयित्रियाँ (काव्य संकलन)/32.आधुनिक लोकप्रिय दोहाकार (दोहा संकलन) /33. शेर ग़ज़ब के ( अश्आर संकलन)
  • अशोक अंजुम: व्यक्ति एवं अभिव्यक्ति ( श्री जितेन्द्र जौहर द्वारा संपादित ) 
  • सम्पादक - अभिनव प्रयास (कविता को समर्पित त्रैमा.) 
  • सलाहकार सम्पादक- हमारी धरती (पर्यावरण द्वैमासिक)
  • अतिथि संपा -1. प्रताप शोभा (त्रैमा.) (सुल्तानपुर) का दोहा विशेषाक/ 2. खिलखिलाहट (अनि.) (सुतानपुर) का हास्य-व्यंग्य ग़ज़ल विषेशांक/ 3.सरस्वती सुमन (त्रैमा0) देहरादून का दोहा विशेषांक/ 4. हमारी धरती (द्वै0मा0) के दो जल विशेषांक तथा एक प्राकृतिक आपदा विशेषांक का अतिथि संपादन
  • अध्यक्ष-दृष्टि नाट्य मंच , अलीगढ़ / सचिव - संवेदना साहित्य मंच, अलीगढ़/पूर्व सचिव- हरीतिमा पर्यावरण सुरक्षा मंच, अलीगढ़/ सदस्य- बोर्ड आॅफ एडवाइजर्स-1999(अमेरिकन बायोग्राफिक्स इंस्टी. अमेरिका) 
  • सम्मानोपधियाँ- विशिष्ट नागरिक, राष्ट्र भाषा गौरव, हास्य-व्यंग्य अवतार, श्रेष्ठ कवि, लेखकश्री, काव्यश्री, साहित्यश्री, समाज रत्न, हास्यावतार, मेन आफ द इयर, साहित्य शिरोमणि......आदि दर्जनों सम्मानोपाधियाँ 
  • पंकज उधास (चर्चित गायक), श्री साहब सिंह वर्मा (तत्कालीन मुख्यमंत्री ),ज्ञानी जैलसिंह (भू.पू.राष्ट्र पति) श्री मुलायम सिंह यादव (त.मुख्यमंत्री, उ.प्र.), सांसद शीला गौतम (अलीगढ़),श्री आई.एस.पर्सवाल (महाप्रबंधक एन.टी.पी.सी. दादरी), श्री कन्हैयालाल सर्राफ(चर्चित उद्योगपति, मुम्बई), महामहिम के.एम.सेठ.(राज्यपाल छ.ग.),श्री रवेन्द्र पाठक (महापौर,कानपुर ) लेफ्टि.कर्नल श्री एस.एन.सिन्हा (पूर्व राज्यपाल असाम, जम्मू-कश्मीर) श्री टी. वेंकटेश ( कमिश्नर , अलीगढ ) इत्यादि गणमान्य हस्तियों द्वारा विशिष्ट समारोहों में सम्मानित।
  • पुरस्कार-श्रीमती मुलादेवी काव्य-पुरस्कार (भारत भारती साहित्य संस्थान) द्वारा ‘मेरी प्रिय ग़ज़लें’ पुस्तक पर 1995/- स्व. रुदौलवी पुरस्कार (मित्र संगम पत्रिका, दिल्ली) /-दुश्यंत कुमार स्मृति सम्मान-1999 (युवा साहित्य मंडल, गाज़ियाबाद )-सरस्वती अरोड़ा स्मृति काव्य पुरस्कार-2000 (भारत-एषिआई साहित्य अका., दिल्ली )/- डाॅ0 परमेश्वर गोयल व्यंग्य षिखर सम्मान-2001 ( अखिल भारतीय साहित्य कला मंच , मुरादाबाद )/-रज़ा हैदरी ग़ज़ल सम्मान-2005 ( सृजनमंच, रायपुर (छ.ग.)/- साहित्यश्री पुरस्कार-2009, डाॅ.राकेशगुप्त, ग्रन्थायन प्रकाशन, अलीगढ़/- स्व. प्रभात शंकर स्मृति सम्मान-2010, नमन प्रकाशन तथा माध्यम संस्था, लखनऊ/- विशाल सहाय स्मृति सम्मान-2010, मानस संगम, कानपुर/- मालती देवी-विलसन प्रसाद सम्मान-2010,अतरौली /.फणीश्वरनाथ रेएाु स्मृति सम्मान-2011, वाग्वैचित्र्य मंच,अररिया (बिहार)से ‘जाल के अन्दर जाल मियाँ’ पुस्तक पर/- राष्ट्रधर्म गौरव सम्मान -2012, राष्ट्रधर्म प्रकाशन, लखनऊ,‘प्रिया तुम्हारा गाँव’ पुस्तक पर/-सेवक स्मृति सम्मान-2012, साहित्यिक संघ, वाराणसी /-हिन्दी सेवी सम्मान-2013, हिन्दी साहित्य विकास परिषद्, धनबाद (झारखण्ड)/- दुश्यंत स्मृति सम्मान-2013 एअन्तर्राष्ट्रीय साहित्य कला मंच, मेरठ/स्व.सरस्वती सिंह हिन्दी विभूति सम्मान-2013,कादम्बरी, जबलपुर/नीरज पुरस्कार-2014ए (1 लाख 1 हज़ार रुपए) अलीगढ़ कृषि प्रदार्शनी द्वारा
  • अन्य. अलीगढ़ एंथम के रचयिता - अनेक गायकों द्वारा ग़ज़ल, गीत गायन/विभिन्न नाटकों में अभिनय व गीत तथा स्क्रिप्ट लेखन/कवि सम्मेलनों में हास्य-व्यंग्य तथा गीत, ग़ज़ल, दोहों के लिए चर्चित / संयोजन व संचालन भी/- दूरदर्षन के राष्ट्रीय प्रसारण के साथ ही सब टी.वी,एन.डी टी.वी, ई.टी.वी, लाइव इण्डिया,तरंग चैनल आदि अनेक चैनल्स के साथ ही आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से प्रसारण/ ई.टी.वी के एक लोकप्रिय हास्य कार्यक्रम में जज/ अनेक षोध ग्रन्थों में प्रमुखता से उल्लेख/सैकड़ों समवेत संकलनों में तथा देष की अधिकांष चर्चित पत्रिकाओं व समाचार पत्रों में सैकड़ों रचनाएँ प्रकाशित/विभिन्न रेखांकन पुस्तकों व पत्रिकाओं के आवरण पर प्रकाशित
  • सम्प्रति-सन्त पिफदेलिस स्कूल, ताला नगरी, रामघाट रोड, अलीगढ़ -202001 
  • सम्पर्क-गली.2,चंद्रविहार कालोनी;नगला डालचन्द, क्वारसी बाईपास, अलीगढ़-202 001 ,
  • मोबाइल नं.- 09258779744/ 09358218907
  • ईमेल : ashokanjumaligarh@gmail.com 
  • ब्लॉग : ashokanjum.blogspot.in

3 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (24-11-2015) को "रास्ते में इम्तहान होता जरूर है, भारत आगे बढ़ रहा है" (चर्चा-अंक 2170) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. अशोक जी अंजुम की छः ग़ज़ले अच्छी लगी।पहली गजल पारिवारिक विघटन का कारण तलाशती बाजार रफ्तार इकरार इन्कार से प्रभावित ऑगन की दीवार का सत्य प्रकट करती हैं 2-ऑखो का सच ही दृश्य देता हैं 3-खुद से किरदार की सरलता का बयान काबिले तारिफ हैं 4-आवारगी हौसला देती हैं 5-बेदम का दम पूछना यथार्थ देता हैं 6-किसी के जादू का असर अभिव्यक्ति पाया हैं ।सारी ग़ज़ले बहुत सुंदर ।बधाई सर।

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